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बिहार के सूर्यांश कुमार का बड़ा कारनामा, 13 साल की उम्र में बना 56 कंपनियों का CEO; 18 घंटे करता है काम
Hindi Newsबिहार न्यूज़Suryansh Kumar of Muzaffarpur Bihar becomes CEO comprehend 56 companies at age of 13 Suryansh Kumar works for 18 hours
13 वर्षीय सूर्यांश कुमार ने बड़ा कारनामा कर दिखाया है। एक वर्ष के अंदर वह 56 ऑनलाइन कंपनियों का मालिक बन चुका है। उसने नौवीं कक्षा में ही पहली कंपनी खोली। वह अभी दसवीं कक्षा का छात्र है।
Malay Ojha हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरMon, 1 Aug 2022 10:33 AM
पढ़ने-खेलने की उम्र में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के अम्मा गांव के रहने वाले 13 वर्षीय सूर्यांश कुमार ने बड़ा कारनामा कर दिखाया है। एक वर्ष के अंदर वह 56 ऑनलाइन कंपनियों का मालिक बन चुका है। उसने नौवीं कक्षा में ही पहली कंपनी खोली। वह अभी दसवीं कक्षा का छात्र है। सूर्यांश का कहना है कि जब वह ऑनलाइन चीजों को सर्च कर रहा था तो ऑनलाइन कंपनी खोलने का आइडिया आया।
इस आइडिया को उसने पिता संतोष कुमार के साथ साझा किया। पिता ने प्रोत्साहित करते हुए पूरे आइडिया को पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के रूप में दिखाने के लिए कहा। सूर्यांश ने बताया कि पहली कंपनी उसने ई-कॉमर्स की शुरू की। इस कंपनी को खोलने का उद्देश्य किसी भी सामान को 30 मिनट के भीतर लोगों के घर तक पहुंचाना है। जल्द ही यह कंपनी लोगों के घर सामान पहुंचाने लगेगी। सूर्यांश की एक और कंपनी शादी कीजिये डॉट कॉम लोगों को जीवनसाथी चुनने में मदद कर रही है। इसके बाद क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी मंत्रा फ्राई कंपनी भी आने वाली है।
18 घंटे काम करता है सूर्यांश: सूर्यांश ने बताया कि वह अपनी कंपनी को विस्तार देने के लिए 18 घंटे तक काम करता है। इसी काम के दौरान ही वह पढ़ाई भी करता है। दोनों चीजें वह साथ-साथ कर रहा है। हालांकि, सूर्यांश का कहना है कि वह स्कूल नहीं जा पाता है, लेकिन स्कूल की तरफ से उसे पूरा सहयोग मिल रहा है। वह अपने जीवन में इसी काम को आगे बढ़ाना चाहता है। बताया कि अभी इन कंपनियों से उसे कोई आय नहीं हो रही है, लेकिन जल्द ही आय भी शुरू हो जाएगी।
माता-पिता चलाते हैं एनजीओ
सूर्यांश के माता-पिता एनजीओ चलाते हैं। पिता का एनजीओ संयुक्त राष्ट्र से जुड़ा हुआ है। पिता संतोष कुमार और मां अर्चना ने बताया कि खेलने के उम्र में उनका बच्चा कंपनी चला रह है जो दूसरे लोगों के लिए भी प्रेरणास्रोत है। सूर्यांश ने बताया कि उसके इस काम में उसके परिवार का पूरा सहयोग है। पिता लगातार उसका मनोबल बढ़ा रहे हैं। सूर्यांश ने एक किताब द स्मैश गाये कि रचना कर दी थी और अब फाइनेंस से संबंधित अलग पुस्तक लिख रहा है।